फ़िशिंग कैसे अन्य साइबर हमलों को जन्म देता है? (भाग 2)
फ़िशिंग हमलों का प्रभाव सिर्फ व्यक्तिगत डेटा चोरी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अन्य बड़े और जटिल साइबर खतरों का प्रवेशद्वार बन सकता है। साइबर अपराधी फ़िशिंग के ज़रिए उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील जानकारी चुराकर कई प्रकार के उन्नत साइबर हमलों को अंजाम देते हैं। इस लेख में हम फ़िशिंग के माध्यम से होने वाले कुछ प्रमुख साइबर हमलों और उनके प्रभाव को भारतीय संदर्भ में विस्तार से समझेंगे।
खाता लॉकआउट हमला (Account Lockout Attack)
साइबर अपराधी बार-बार गलत पासवर्ड डालकर खाते को लॉक कर देते हैं, जिससे वास्तविक उपयोगकर्ता लॉगिन नहीं कर पाता।
प्रभाव:
• महत्वपूर्ण ऑनलाइन सेवाओं तक पहुँच बाधित
• संगठन या व्यक्ति को कार्य बाधा और वित्तीय नुकसान
उदाहरण: फ़िशिंग के जरिए हमलावर ने आपके खाते की जानकारी, जैसे उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड, चुराई और बार-बार गलत प्रयास करके खाता लॉक कर दिया।
जूस जैकिंग हमला (Juice Jacking Attack)
सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर छेड़छाड़ किए गए यूएसबी पोर्ट या केबल के माध्यम से डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल किया जाता है।
प्रभाव:
• फोन से संवेदनशील डेटा चोरी हो सकता है।
• डिवाइस को पूरी तरह हैक किया जा सकता है।
उदाहरण: दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर यात्रियों को सावधान रहने की चेतावनी दी गई थी कि वे अनजान यूएसबी पोर्ट का उपयोग न करें।
डॉस/डीडॉस हमला (DoS/DDoS Attack)
किसी वेबसाइट या सर्वर पर भारी मात्रा में ट्रैफिक भेजकर उसे ठप कर दिया जाता है।
प्रभाव:
• वेबसाइट या सर्वर एक्सेस नहीं किया जा सकता।
• कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान।
उदाहरण: एक हालिया भारतीय उदाहरण कर्नाटक राज्य में हुआ, जहाँ जनवरी और फरवरी 2025 के बीच कावेरी 2.0 पोर्टल पर एक डीडॉस (DDoS) हमला हुआ। इस हमले ने दस्तावेज़ पंजीकरण और अन्य सेवाओं को बाधित कर दिया। (The Hindu)
डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest)
फ़िशिंग ईमेल या कॉल के जरिए लोगों को सरकारी अधिकारी बनकर धमकाया जाता है।
प्रभाव:
ब्लैकमेलिंग और पैसे ऐंठने के मामले जो मानसिक और वित्तीय शोषण करते हैं
उदाहरण:
दिल्ली में एक साइबर अपराधी ने नकली CBI अधिकारी बनकर एक व्यवसायी को फ़िशिंग ईमेल भेजा और ₹10 लाख की फिरौती मांगी।
क्रेडेंशियल स्टफिंग (Credential Stuffing)
चोरी किए गए यूजरनेम और पासवर्ड को अन्य सेवाओं में आजमाकर लॉगिन करने की कोशिश की जाती है।
प्रभाव:
• कई अकाउंट एक साथ हैक हो सकते हैं।
• व्यक्तिगत और वित्तीय डेटा चोरी।
उदाहरण: 2024 में, Roku और Okta जैसे कंपनियों पर क्रेडेंशियल स्टफिंग हमले हुए, जिसमें 591,000 खातों पर असर पड़ा। हमलावरों ने चोरी किए गए क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल करके खातों तक अनधिकृत पहुंच बनाई।
क्रिप्टोजैकिंग (Cryptojacking)
फ़िशिंग मेल या मैलिशियस वेबसाइट्स के जरिए उपयोगकर्ता के कंप्यूटर या मोबाइल में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग मालवेयर इंस्टॉल किया जाता है।
प्रभाव: डिवाइस की परफॉर्मेंस कम हो जाती है और बैटरी जल्दी खत्म होती है और अधिक बिजली की खपत होती है।
उदाहरण: 2023 में "EleKtra-Leak" हमले में हमलावरों ने GitHub से AWS क्रेडेंशियल्स चुराकर Monero क्रिप्टोकरेंसी माइन की।
डीपफेक धोखाधड़ी (Deepfake Fraud)
फ़िशिंग और सोशल इंजीनियरिंग से एक व्यक्ति के वीडियो या ऑडियो का डीपफेक तैयार किया जाता है।
प्रभाव:
• गलत सूचना फैलाने और व्यक्तियों को फंसाने का खतरा।
• वित्तीय धोखाधड़ी और पहचान की चोरी।
उदाहरण:
2024 में एक डीपफेक हमले में हमलावर ने CFO के रूप में एक नकली वीडियो कॉल का उपयोग करके $25.6 मिलियन की धोखाधड़ी की।
वॉटरिंग होल अटैक (Watering Hole Attack)
साइबर अपराधी किसी लोकप्रिय वेबसाइट को संक्रमित कर देते हैं ताकि जब उपयोगकर्ता उसे विज़िट करे, तो उनके सिस्टम में मालवेयर इंस्टॉल हो जाए।
प्रभाव: संगठनों और सरकारी संस्थानों पर बड़े साइबर हमलों की संभावना बढ़ जाती है।
उदाहरण: एक वॉटरिंग होल अटैक का उदाहरण तब देखा गया जब एक लोकप्रिय तकनीकी मंच की वेबसाइट को संक्रमित किया गया। इस हमले में, उपयोगकर्ताओं के सिस्टम में मालवेयर फैलाने के लिए वेबसाइट पर दुर्भावनापूर्ण कोड डाला गया। जो भी उपयोगकर्ता इस वेबसाइट पर गया, उसके डिवाइस पर मालवेयर इंस्टॉल हो गया, जिससे संवेदनशील डेटा चोरी हुआ।
बचने के उपाय
✅ संदिग्ध ईमेल और मैसेज को नज़रअंदाज़ करें।
✅ किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें।
✅ दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) को सक्रिय करें।
✅ पासवर्ड को नियमित रूप से अपडेट करें।
✅ सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों से बचें।
✅ किसी भी साइबर हमले की सूचना तुरंत CERT-In या संबंधित साइबर क्राइम विभाग को दें।
जागरूकता और भागीदारी
जैसा कि हमने इस ब्लॉग के माध्यम से आपको साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी प्रदान की है, वैसे ही आप भी अपनी जिम्मेदारी को समझें। केवल खुद को ही नहीं, बल्कि अपने परिवार और अपने सामाजिक दायरे को भी साइबर अपराधों से सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहें। इस ब्लॉग को अपने मित्रों, परिवार और समुदाय के साथ साझा करें, ताकि अधिक से अधिक लोग इस विषय पर जागरूक हो सकें। नियमित रूप से साइबर सुरक्षा से संबंधित जानकारी को अपडेट करना और दूसरों को इसके प्रति जागरूक बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। आइए, मिलकर एक सुरक्षित डिजिटल भारत का निर्माण करें।
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Contributors:
Authors: Gagan Deep & Saminder Kaur