साइबर सुरक्षित भारत: फ़िशिंग-5
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साइबर सुरक्षित भारत: फ़िशिंग-5

फ़िशिंग से कैसे बचें और इसे कहां रिपोर्ट करें?

हमने अपने पिछले ब्लॉग्स में फ़िशिंग के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की है, जैसे कि
फ़िशिंग: सबसे ख़तरनाक साइबर खतरे को समझें
फ़िशिंग: लोग फ़िशिंग के शिकार क्यों होते हैं?
असली और नकली ईमेल की पहचान कैसे करें: एक विस्तृत गाइड!, और
फ़िशिंग कैसे अन्य साइबर हमलों को जन्म देता है? (भाग 1 और 2)।
आज के इस लेख में, हम चर्चा करेंगे कि फ़िशिंग से बचने के प्रभावी तरीकों और इसे रिपोर्ट करने के सही प्लेटफ़ॉर्म कौन-कौन से हैं।

फ़िशिंग से बचने के लिए प्रभावी उपाय

✅संदिग्ध ईमेल और मैसेज को पहचानें

  • किसी भी अनजान स्रोत से आए लिंक या अटैचमेंट को खोलने से पहले सावधानी बरतें।

  • ईमेल एड्रेस की जांच करें और गलत स्पेलिंग, अतिरिक्त अक्षर, या संदिग्ध डोमेन को पहचानें।

  • बैंक, सरकारी संस्थानों या जानी-मानी कंपनियों की नकल करने वाले ईमेल पर भरोसा न करें।

⚠️ सोशल मीडिया पर अधिक जानकारी साझा करने से बचें

  • साइबर अपराधी सोशल मीडिया से आपकी व्यक्तिगत जानकारी निकालकर फ़िशिंग हमले कर सकते हैं।

  • अपनी गोपनीयता सेटिंग्स को सुरक्षित रखें और केवल विश्वसनीय लोगों के साथ ही जानकारी साझा करें।

🔹 वेबसाइट के लिंक की जांच करें

  • फ़िशिंग वेबसाइट असली वेबसाइट की हूबहू कॉपी होती हैं, लेकिन इनके URL में मामूली बदलाव होते हैं।

  • हमेशा वेबसाइट के URL की जांच करें कि यह "HTTPS" से शुरू होता है।

  • लॉगिन पेज पर जाने से पहले ब्राउज़र की एड्रेस बार में वेबसाइट का सही नाम टाइप करें।

🛑 साइबर सुरक्षा सॉफ़्टवेयर और फ़ायरवॉल का उपयोग करें

  • एक अच्छे एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें और इसे नियमित रूप से अपडेट करें।

  • फ़ायरवॉल को ऑन रखें, जिससे संदिग्ध नेटवर्क गतिविधियों को रोका जा सके।

🔑 पासवर्ड मैनेजमेंट पर ध्यान दें

  • मजबूत और यूनिक पासवर्ड बनाएं और हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड का उपयोग करें।

  • पासवर्ड को याद रखने के लिए पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें।

  • पासवर्ड नियमित रूप से बदलते रहें।

🔒 टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें

  • अपने सभी महत्वपूर्ण अकाउंट्स पर 2FA को सक्रिय करें ताकि अगर आपका पासवर्ड लीक हो भी जाए, तो भी साइबर अपराधी अकाउंट एक्सेस न कर पाएं।

🔌 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग करने से बचें

  • सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग फ़िशिंग-शैली के साइबर हमलों के लिए किया जा सकता है, जिसे जूस जैकिंग कहा जाता है।

  • सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों से बचें और पावर बैंक का उपयोग करें।

  • यदि चार्जिंग आवश्यक हो, तो डेटा-ब्लॉकिंग USB एडॉप्टर का उपयोग करें।

  • अनजान USB पोर्ट्स में कभी भी डिवाइस न लगाएं—इसके बजाय वॉल आउटलेट का उपयोग करें।

🎁 मुफ्त उपहारों के लिंक पर क्लिक न करें

  • ये अक्सर फ़िशिंग घोटाले होते हैं, जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए बनाए जाते हैं।

📞 संदेहास्पद कॉल्स और मैसेज से सावधान रहें

  • अगर कोई बैंक प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, या पुलिस अधिकारी बनकर कॉल करता है और व्यक्तिगत जानकारी मांगता है, तो पहले उनकी पहचान की पुष्टि करें।

  • कोई भी पुलिस अधिकारी, CBI कर्मी, या सरकारी अधिकारी आपको फोन पर कभी परेशान या धमकाएगा नहीं। वित्तीय विवरण कॉल पर साझा न करें

🎓 नियमित साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण लें

  • अपने परिवार और सहकर्मियों को फ़िशिंग और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करें।

  • नई फ़िशिंग तकनीकों के बारे में अपडेट रहें।

फ़िशिंग हमले को कहां रिपोर्ट करें?

भारत में रिपोर्ट करने के लिए प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म

🌐 राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल

  • cybercrime.gov.in –सभी प्रकार के साइबर अपराधों के लिए एकीकृत पोर्टल। यह पोर्टल महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देता है और उपयोगकर्ताओं को हैकिंग, पहचान की चोरी, ऑनलाइन धोखाधड़ी, और साइबर बदमाशी जैसी घटनाओं की रिपोर्ट करने की सुविधा प्रदान करता है.

📞 साइबर हेल्पलाइन नंबर (24x7)

  • 📞 1930 – तुरंत बैंक और अन्य एजेंसियों को अलर्ट करने के लिए।

📞 महिलाओं और बच्चों के लिए हेल्पलाइन

  • 📞 1091 (Women), 📞 1098 (Child Protection) – ऑनलाइन उत्पीड़न या शोषण की रिपोर्टिंग के लिए।

📞 आधार कार्ड से जुड़ी शिकायतें

  • 📞 1947 – UIDAI की सहायता लाइन।

🔒 CERT-In (भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी प्रतिक्रिया टीम)

  • cert-in.org.in – तकनीकी साइबर सुरक्षा सहायता।

  • CERT-In साइबर हमलों की रोकथाम और प्रतिक्रिया के लिए भारत की प्रमुख एजेंसी है।

📞 एकीकृत आपातकालीन हेल्पलाइन (24x7)

  • 📞 112 –भारत की एकीकृत आपातकालीन हेल्पलाइन, जो पुलिस, अग्निशमन, चिकित्सा सेवाओं और महिला सुरक्षा सहायता के लिए उपलब्ध है।

🏦बैंकिंग फ़िशिंग की रिपोर्टिंग

  • 🏛 संबंधित बैंक की हेल्पलाइन पर तुरंत संपर्क करें।

  • अगर आपने गलती से कोई संवेदनशील जानकारी साझा कर दी है, तो बैंक में शिकायत दर्ज कराएं और अपने खाते को सुरक्षित करें।

  • प्रमुख बैंकों के साइबर हेल्पलाइन नंबर are in table


    👉 Note: नोट: हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने से पहले संबंधित बैंक की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी की पुष्टि अवश्य करें ताकि आपको नवीनतम और सही जानकारी प्राप्त हो सके।.

💳 डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी

  • Paytm, PhonePe, Google Pay आदि के इन-ऐप "Report Fraud" विकल्प का उपयोग करें।

✉️ ईमेल सेवा प्रदाता को रिपोर्ट करें

  • यदि कोई फ़िशिंग ईमेल प्राप्त होता है, तो इसे Gmail, Outlook, Yahoo आदि पर "Report Phishing" ऑप्शन के ज़रिए रिपोर्ट करें।

📢 सोशल मीडिया फ़िशिंग की रिपोर्ट करें

  • Facebook, Twitter, Instagram और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर संदिग्ध अकाउंट्स और फ़िशिंग मैसेज को रिपोर्ट करें।

फ़िशिंग से बचाव केवल तकनीकी उपायों से नहीं, बल्कि आपकी सतर्कता और जागरूकता से भी होता है।

✅ हर लिंक पर क्लिक करने से पहले सोचें, जांचें और तभी आगे बढ़ें।

✅ अगर आप या कोई जानने वाला फ़िशिंग का शिकार हो जाए, तो उसे रिपोर्ट करना आपकी और दूसरों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है।

👉 नोट: हमेशा अपनी शिकायत की एक प्रति cybercrime.gov.in पर दर्ज करें ताकि उसका रिकॉर्ड बना रहे और उचित कार्यवाही हो सके 📌 अगले ब्लॉग में, हम चर्चा करेंगे "मालवेयर अटैक्स क्या होते हैं और इनसे कैसे बचें?"

सतर्क रहें, साइबर सुरक्षित रहें ! 🚨 🚨

जागरूकता और भागीदारी

जैसा कि हमने इस ब्लॉग के माध्यम से आपको साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी प्रदान की है, वैसे ही आप भी अपनी जिम्मेदारी को समझें। केवल खुद को ही नहीं, बल्कि अपने परिवार और अपने सामाजिक दायरे को भी साइबर अपराधों से सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहें। इस ब्लॉग को अपने मित्रों, परिवार और समुदाय के साथ साझा करें, ताकि अधिक से अधिक लोग इस विषय पर जागरूक हो सकें। नियमित रूप से साइबर सुरक्षा से संबंधित जानकारी को अपडेट करना और दूसरों को इसके प्रति जागरूक बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। आइए, मिलकर एक सुरक्षित डिजिटल भारत का निर्माण करें।

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Contributors:

Authors: Gagan Deep & Saminder Kaur